अजब बीमारी की गजब कहानी
चिलमन भाई को डॉक्टर ने अजीब तरह की बीमारी से पीड़ित बताया है. वह कल ही ग्रामीण चिकित्सक सह पार्टी प्रवक्ता से चेकअप करा कर लौटे हैं. उन्हें जैसे ही बताया गया कि आपको ‘चिलमेनाइटिस’ हो गया है, चिलमन भाई गश खाते–खाते बचे. मुझे भी सुन कर अटपटा लगा. वजह, डॉक्टर के मुंह से इस […]
चिलमन भाई को डॉक्टर ने अजीब तरह की बीमारी से पीड़ित बताया है. वह कल ही ग्रामीण चिकित्सक सह पार्टी प्रवक्ता से चेकअप करा कर लौटे हैं. उन्हें जैसे ही बताया गया कि आपको ‘चिलमेनाइटिस’ हो गया है, चिलमन भाई गश खाते–खाते बचे.
मुझे भी सुन कर अटपटा लगा. वजह, डॉक्टर के मुंह से इस तरह का शब्द पहली बार सुनने को मिला. हां, नेताओं के हालिया बयानों में कुछ अजीबोगरीब शब्द सुनने को जरूर मिले हैं.
मसलन–नमोनिया, नमोनाइटिस, सुमोसाइटिस, नीतीशटाइटिस. मैंने अतीत में गोता लगाया, तो 1992 में आयी फिल्म राजू बन गया जेंटलमैन का गाना जेहन में कौंधा– सर्दी, खांसी न मलेरिया हुआ.. यानी प्रेम रोग के लिए शब्द सृजन हुआ ‘लवेरिया’. बाद में भोजपुर गीतकारों ने इस रोग के लिए ‘लवलाइटिस’ शब्द का इस्तेमाल किया. खैर, अतीत से बाहर आकर डॉक्टर साहब से पूछा, तो उन्होंने कहा, जिस तरह डॉक्टर का लिखा हुआ हर कोई नहीं समझ सकता है, वैसे ही कुछ बीमारियां हैं, जो आप लोगों की समझ से परे हैं.
मैंने कहा, भाई क्यों नहीं समझ सकते? हम तकनीकी युग के आदमी हैं. सर्च इंजन का सहारा लेकर बहुत काम निकाल लेते हैं. उन्होंने कहा, क्यों बेकार की बातें करते हैं. कुछ दिनों पहले आडवाणी जी को नमोनिया हुआ. आपको पता है कि यह क्या है? कब और कैसे लगती है यह बीमारी? आपका गूगल कुछ बतायेगा क्या? अखबारों में पढ़ा होगा कि कुछ भाजपा नेताओं ने कहा कि नीतीश जी को नमोनाइटिस हो गया.
जवाब में सुशासन के सिपाही ने कहा कि वे लोग नीतीश की लोकप्रियता से डर गये हैं. उन्हें नीतीशटाइटिस हो गया है. अखबारों में छपने के लिए अजब–गजब बयान देते रहते हैं. उन्हें छपेटाइटिस यानी छपास रोग है. हर दिन अपना चेहरा अखबार में देखना चाहते हैं. इन तमाम रोगों के बारे में आप कौन से सर्च इंजन का सहारा लेंगे. चिलमन भाई बोले, सब समझता हूं.
सारा खेल 2014 के लोकसभा चुनाव का है. साथ ही मिशन 272 यानी केंद्र की कुरसी पर कब्जे के लिए जादुई आंकड़ा पार करने का है. लेकिन आपने हमें ‘चिलमेनाइटिस’ क्यों बताया? डॉक्टर साहब बोले, आज का दौर नयी–नयी बीमारियों का है. किसी को दिन–रात ताक–झांक करने की बीमारी, जिसे नयन सेकुआ रोग या नयनोसुखटाइटिस कहते हैं.
किसी को जमीन–जायदाद हड़पने की, तो किसी को दंगा भड़काने की, तो किसी को लाइव दंगा देखने की बीमारी होती है. इनका एक ही फॉमरूला है कि स्वार्थ के लिए मेरी दीवार गिर जाये तो गिर जाये, लेकिन पड़ोसी की भैंस जरूर मर जाये.
यही केस है आपका. चूंकि कई तरह की बीमारियां पहले से हैं, सो अब अजीब तरह की बीमारियों का नामकरण लोगों के नाम पर किया जा रहा है. अभी आसाराम बापू भी नयी–नयी बीमारियों का नाम लेकर जमानत मांग रहे हैं. अब उनके नाम पर जल्द ही बीमारी का नामकरण होनेवाला है.