बार-बार हड़ताल बेबस है सरकार

बिहार में हड़ताल का मौसम चल रहा है. शिक्षकों की हड़ताल खत्म हुई, तो संविदा पर रखे गए पारा मेडिकल स्टाफ, होमगार्ड, किसान सलाहकारों की हड़ताल शुरू हो गयी है. पारा मेडिकल स्टाफ की हड़ताल से परेशान होकर मरीज निजी अस्पतालों की ओर दौड़ लगा रहे हैं. राजधानी के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 5, 2015 5:13 AM
बिहार में हड़ताल का मौसम चल रहा है. शिक्षकों की हड़ताल खत्म हुई, तो संविदा पर रखे गए पारा मेडिकल स्टाफ, होमगार्ड, किसान सलाहकारों की हड़ताल शुरू हो गयी है. पारा मेडिकल स्टाफ की हड़ताल से परेशान होकर मरीज निजी अस्पतालों की ओर दौड़ लगा रहे हैं.
राजधानी के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच का आलम यह है कि हड़ताल के कारण आपरेशन थियेटर बंद हैं. यही हाल नालंदा मेडिकल कालेज, इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान व राजवंशी नगर अस्पताल का है.
इन अस्पतालों में बुधवार को 120 आपरेशन होने थे, लेकिन उन्हें टाल दिया गया. अब आपरेशन कब होंगे, मरीजों को यह बतानेवाला कोई नहीं है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कह रहे हैं कि जब हड़ताल खत्म होगी, तब जाकर स्थिति सामान्य होगी. हड़ताल कब खत्म होगी, यह कोई नहीं जानता है. अब तक हड़ताल खत्म कराने की दिशा में सरकार की ओर से कोई प्रयास नहीं किया गया. चुनावी साल होने के कारण संविदावाले स्वास्थ्य कर्मी दबाव बना कर अपनी नौकरी स्थायी करवाने के लिए कोई कसर नहीं बाकी रखना चाहते हैं. सरकार के गले की फांस यह है कि अगर इन्हें स्थायी कर दिया गया, तो सरकारी खजाने पर बोझ पड़ेगा. सरकारी सूत्रों के अनुसार संविदावाले स्वास्थ्य कर्मचारियों को स्थायी करने की कोई सूरत नहीं है.
इस कारण सरकार कोई बातचीत भी नहीं कर रही है. कुछ इसी तरह की स्थिति होमगार्डो की हड़ताल की है. उनकी हड़ताल का भी असर है. कानून-व्यवस्था बनाये रखने में होमगार्डो की बड़ी भूमिका है. उनके हड़ताल पर जाने के बाद कई शहरों की ट्रैफिक व्यवस्था खराब हो गयी है क्योंकि कई शहरों की ट्रैफिक व्यवस्था की बागडोर उन्हीं के हाथ में है. किसान सलाहकारों की भी हड़ताल जारी है.
इसका असर कुछ दिनों के बाद दिखेगा, जब खरीफ की फसल का समय शुरू होगा. इन हड़तालों से निबटने के लिए सरकार कोई सख्त कदम नहीं उठा रही है क्योंकि चुनावी साल है. सरकार के पसोपेश का खमियाजा आम लोग उठा रहे हैं. लोगों की इस परेशानी का हल सरकार को तुरंत निकालना चाहिए. वरना शिक्षक हड़ताल की तरह सांप निकल जाने के बाद लकीर पीटने वाली स्थिति बन जायेगी.

Next Article

Exit mobile version