तकनीक का फायदा उठाते हुए बैंकों ने लोगों को एटीएम सुविधा देकर शाखाओं पर लोगों की भीड़ को काफी हद तक कम किया है, लेकिन इन एटीम सेंटरों पर भी कुछ परेशानियां ऐसी हैं, जिनसे मन सशंकित रहता है.
खाताधारकों को अगर किसी तकनीकी समस्या का सामना करना पड़े तो उसका हल एटीएम सेंटर पर तैनात गार्ड के पास भी नहीं होता. पिछले कुछ वर्षो में एटीएम लूटने और एटीएम के अंदर खाताधारकों को लूटने की घटनाएं भी बढ़ी हैं.
आखिर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जिम्मेदार किसे माना जाये? जहां, एटीएम सेंटरों की सुरक्षा के लिए तैनात गार्ड के पास ऐसी वारदात से निबटने के लिए नाममात्र के हथियार होते हैं, वहीं कई ऐसे एटीएम ऐसे भी हैं जहां रात के समय सन्नाटा पसरा रहता है और वहां कोई गार्ड भी नहीं होता. ऐसी जगह अगर कोई अनहोनी हुई तो जिम्मेदार कौन होगा?
यदुनाथ सोरेन, बोकारो