गरमी फुल, तो बिजली भी गुल

गरमी चरम पर है. दिन-रात देह को झुलसा देनेवाली गरमी में हमें बिजली के उपकरणों से राहत मिलने की उम्मीद रहती है, लेकिन झारखंड में बिजली का रहना ही मुनासिब नहीं है. ग्रामीण इलाकों की स्थिति तो और भी दयनीय है. 21वीं सदी में बिजली के उपकरणों के बिना जहां हम अपने जीवन की कल्पना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 12, 2015 5:09 AM
गरमी चरम पर है. दिन-रात देह को झुलसा देनेवाली गरमी में हमें बिजली के उपकरणों से राहत मिलने की उम्मीद रहती है, लेकिन झारखंड में बिजली का रहना ही मुनासिब नहीं है.
ग्रामीण इलाकों की स्थिति तो और भी दयनीय है. 21वीं सदी में बिजली के उपकरणों के बिना जहां हम अपने जीवन की कल्पना नहीं कर सकते. ऐसी स्थिति में बिजली के अभाव में झारखंड के लोगों को रात करवट बदलते हुए बिताना पड़ रहा है. अघोषित बिजली कटौती की शिकायत करने पर अफसरों द्वारा कहा जाता है कि अभी काम जारी है.
सवाल यह पैदा होता है कि काम करने के समय बिजली की आपूर्ति ही बाधित क्यों की जाती है. अन्य कामों में तो बिना बिजली के काम ही नहीं चलता. बिजली विभाग के अधिकारियों से निवेदन है कि वे झारखंड के लोगों की व्यथा सुन कर व्यवस्था को ठीक करें.
प्रतिभा तिवारी, मधुपुर

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