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ऊपरवाले का शुक्रिया जरूर अदा करें

अपनी रोजमर्रा व्यस्तता के बीच हम ऊपरवाले को भूल जाते हैं. लेकिन उसका ध्यान हम पर हमेशा रहता है. आइये जानें कैसे : एक दिन एक सुपरवाइजर ने एक निर्माणाधीन इमारत की छठी मंजिल से नीचे काम कर रहे मजदूर को आवाज दी. लेकिन दिन के समय में मशीनों के शोर और मजदूरों की चहल–पहल […]

अपनी रोजमर्रा व्यस्तता के बीच हम ऊपरवाले को भूल जाते हैं. लेकिन उसका ध्यान हम पर हमेशा रहता है. आइये जानें कैसे : एक दिन एक सुपरवाइजर ने एक निर्माणाधीन इमारत की छठी मंजिल से नीचे काम कर रहे मजदूर को आवाज दी.

लेकिन दिन के समय में मशीनों के शोर और मजदूरों की चहलपहल के बीच उस मजदूर ने सुपरवाइजर की आवाज नहीं सुनी. तब सुपरवाइजर ने मजदूर का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए एक 10 रुपये का नोट फेंका, जो मजदूर के सामने गिरा. मजदूर ने वह नोट उठा कर अपनी जेब में रख लिया और अपने काम में लग गया.

इसके बाद सुपरवाइजर ने मजदूर का ध्यान फिर से आकर्षित करने के लिए 50 रुपये का नोट फेंका. मजदूर ने नोट उठाया, जेब में रखा और फिर अपने काम में लग गया. इस बार सुपरवाइजर ने मजदूर का ध्यान आकर्षित कराने के लिए एक कंकड़ उठाया और फेंका, जो कि ठीक मजदूर के सिर पर लगा. इस बार मजदूर ने सिर उठा कर देखा और सुपरवाइजर ने मजदूर को अपनी बात समझायी.

यह कहानी हमारी जिंदगी जैसी है. भगवान ऊपर से हमें कुछ संदेश देना चाहता है, पर हम अपनी दुनियादारी में व्यस्त रहते हैं. फिर भगवान हमें छोटेछोटे उपहार देता है और हम उन उपहारों को रख लेते हैं, यह देखे बिना कि वे कहां से रहे हैं. हम भगवान को धन्यवाद नहीं देते हैं और कहते हैं कि हम भाग्यवान हैं. फिर भगवान हमें एक कंकड़ मारता है, जिसे हम समस्या कहते हैं और फिर हम उसकी ओर देखते हैं और संवाद करने का प्रयास करते हैं.

अत: जिंदगी में हमें जब भी कुछ मिले, तो तुरंत भगवान को धन्यवाद देना नहीं भूलना चाहिए. उस समय का इंतजार बिल्कुल करें कि भगवान हमें कंकड़ मारे, फिर हम उससे संवाद करें.

(सिद्धार्थ सिन्हा, कांके रोड, रांची)

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