दंगों की दागदार कांग्रेस भी तो है

नरेंद्र मोदी ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि वह प्रधानमंत्री बनने का नहीं, काम करने का सपना देखते हैं. इस बात पर तरह-तरह की टिप्पणियां आयीं. विरोधियों ने कहा कि मोदी को विश्वास हो गया है कि वे प्रधानमंत्री नहीं बन सकते, क्योंकि 2002 के गुजरात दंगों का भूत उनका पीछा नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 26, 2013 2:09 AM

नरेंद्र मोदी ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि वह प्रधानमंत्री बनने का नहीं, काम करने का सपना देखते हैं. इस बात पर तरह-तरह की टिप्पणियां आयीं. विरोधियों ने कहा कि मोदी को विश्वास हो गया है कि वे प्रधानमंत्री नहीं बन सकते, क्योंकि 2002 के गुजरात दंगों का भूत उनका पीछा नहीं छोड़ता.

मोदी को प्रधानमंत्री बनने की जरूरत उतनी नहीं है, जितनी भाजपा को. 11 सितंबर को पाठक मत में अनिल रामचंद्र तोरणो का यह कहना भी गलत है कि गुजरात दंगों के कारण मोदी प्रधानमंत्री नहीं बन सकते. कई लोगों का मानना है कि भाजपा जहां कमजोर पड़ती है, वहां दंगे कराती है. तब वोटों का ध्रुवीकरण होता है और पार्टी को फायदा होता है. 1984 के सिक्ख दंगे और 89 के भागलपुर दंगों के बावजूद कांग्रेस भी सत्ता में आती रही. दरअसल, हम इन सबके बीच जीने के आदी हो चुके हैं.
ललन प्रसाद वर्मा, घाटशिला, पू सिंहभूम

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