अपनी सुरक्षा खुद ही करें लोग
मेरा मानना है कि हमारे साथ दुष्कर्म, यौन शोषण और अपहरण जैसी घटनाएं जब घटती हैं, तो इसमें कहीं न कहीं हमारी लापरवाही भी जिम्मेदार है. इन घटनाओं के शिकार हम तभी होते हैं, जब हम अपनी खुद की सुरक्षा करने में नाकाम होते हैं. आज मैं उन मां-बेटियों से कहना चाहूंगी कि जो घर […]
मेरा मानना है कि हमारे साथ दुष्कर्म, यौन शोषण और अपहरण जैसी घटनाएं जब घटती हैं, तो इसमें कहीं न कहीं हमारी लापरवाही भी जिम्मेदार है. इन घटनाओं के शिकार हम तभी होते हैं, जब हम अपनी खुद की सुरक्षा करने में नाकाम होते हैं.
आज मैं उन मां-बेटियों से कहना चाहूंगी कि जो घर से अकेले पढ़ाई या काम के सिलसिले में बाहर आती-जाती हैं, वे खुद को इतना मजबूत बनायें कि किसी को गंदी नजरों से देखने की हिम्मत ही न हो.
यह सब तभी संभव हो सकेगा, जब आपकी इच्छाशक्ति मजबूत होगी. अपने आपको देश की सभ्यता-संस्कृति में ढालने से ज्यादा जरूरी खुद को बुरी नजरों से बचाना बेहद जरूरी है. फैशन करना जरूरी है, लेकिन इतना भी नहीं कि वह दुर्घटनाओं को न्योता दे. आज होनेवाली दुर्घटनाओं की शुरुआत कहीं न कहीं हमसे भी होती है.
नीरू कुमारी, जरमुंडी, दुमका