गंगा-जमुनी तहजीब के बीच योग

प्राचीन काल से गंगा-यमुना के मिलन को एक तहजीब के रूप में देखा गया है. हजारों साल से चला आ रहा हिंदू-मुस्लमान के बीच आपसी भाईचारा और सद्भावना इसके ज्वलंत उदाहरण हैं. कुछ राजनीतिक पार्टियां समय-समय पर निजी व राजनीतिक स्वार्थ के कारण इस भाईचारे को तोड़ने की कोशिश करती रहती हैं. जहां तक योग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 26, 2015 5:38 AM
प्राचीन काल से गंगा-यमुना के मिलन को एक तहजीब के रूप में देखा गया है. हजारों साल से चला आ रहा हिंदू-मुस्लमान के बीच आपसी भाईचारा और सद्भावना इसके ज्वलंत उदाहरण हैं.
कुछ राजनीतिक पार्टियां समय-समय पर निजी व राजनीतिक स्वार्थ के कारण इस भाईचारे को तोड़ने की कोशिश करती रहती हैं. जहां तक योग की बात है, यह हमारे लिए बड़े गर्व की बात है कि आज इसका प्रचार-प्रसार पूरे विश्व में हो चुका है. भारत के कुछ बड़े लोग सार्वजनिक तौर पर योग के फायदे के बारे में बोल चुके हैं.
आज हजारों मुस्लिम युवक-युवितयां योग शिक्षक के रूप में काम कर रहे हैं. देश की कुछ बड़ी राजनीतिक पार्टियों को डर है कि कहीं सामाजिक एकजुटता से इनकी राजनीतिक रोटियां पकनी बंद न हो जायें. इसलिए ऐसे लोग योग पर अनाप-शनाप कह रहे हैं.
संजीव कुमार पांडेय, रांची

Next Article

Exit mobile version