माता-पिता की सेवा में निहित हैं धर्म

कोई आदमी ऐसे ही सफल नहीं होता. सफलता की कहानी बहुत लंबी और मुश्किलों से भरी होती है. भारतीय समाज की यह मान्यता है कि जीवन के हर मोड़ पर आनेवाली मुश्किलों को आसान करने के लिए ही भगवान ने माता-पिता की रचना की है. इंसान पहले इन्हीं की अंगुली थाम कर चलना सीखता है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 29, 2015 5:27 AM
कोई आदमी ऐसे ही सफल नहीं होता. सफलता की कहानी बहुत लंबी और मुश्किलों से भरी होती है. भारतीय समाज की यह मान्यता है कि जीवन के हर मोड़ पर आनेवाली मुश्किलों को आसान करने के लिए ही भगवान ने माता-पिता की रचना की है.
इंसान पहले इन्हीं की अंगुली थाम कर चलना सीखता है. जब कदम लड़खड़ाते हैं, तो यही थामते हैं. इन्हीं के सहारे इंसान सफल होता है. इस लिहाज से हमें अपने जीवन में माता-पिता को कभी कष्ट नहीं पहुंचाना चाहिए.
भारतीय समाज की मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति माता-पिता की सेवा नहीं कर सकता, तो उसके द्वारा किया गया किसी प्रकार का धार्मिक कार्य बेकार होता है. आज दुनिया में लोग मदर्स और फादर्स डे पर एक दिन के लिए शुभकामनाएं देकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर देते हैं, लेकिन असली मदर्स और फादर्स डे तो उनकी सेवा में है.
रुचि साह, रांची

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