क्या राजधानी के लायक है रांची?

झारखंड का बिहार से अलग हुए 15 साल हो गये हैं. इन 15 सालों के शासन के बावजूद राज्य का विकास नहीं हो सका. राज्य के अन्य शहरों की बात तो दूर, सूबे की राजधानी रांची की स्थिति दिनानुदिन बद से बदतर होती जा रही है. किसी भी कोण से इसका मूल्यांकन करें, तो यह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 30, 2015 5:23 AM

झारखंड का बिहार से अलग हुए 15 साल हो गये हैं. इन 15 सालों के शासन के बावजूद राज्य का विकास नहीं हो सका. राज्य के अन्य शहरों की बात तो दूर, सूबे की राजधानी रांची की स्थिति दिनानुदिन बद से बदतर होती जा रही है.

किसी भी कोण से इसका मूल्यांकन करें, तो यह नहीं लगता कि यहां की व्यवस्था और जनसुविधाएं राजधानी के लायक हैं. विधि-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है. कुछ भी किसी के काबू में नहीं है. इस डेढ़ दशक के दौरान न तो आधारभूत संरचना का विकास हुआ और न ही लोगों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करायी गयीं. सबकुछ भगवान भरोसे ही चल रहा है.

सभी अपने आप में मस्त और व्यस्त हैं. आज भी शहर की स्थिति देख कर यही लगता है कि हम संयुक्त बिहार जैसा उपेक्षित और सुविधाहीन हैं. स्वच्छ भारत, स्वच्छ झारखंड का अभियान तो सपना लगता है.

किशन अग्रवाल, रांची

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