शौचालय की दीवारों पर लिखाई रुके
मैं प्रभात खबर के माध्यम से प्रधानमंत्री जी को अवगत करना चाहता हूं कि मैं पिछले दिनों पलामू एक्सप्रेस से पटना से गढ़वा आ रहा था. मेरे साथ मेरे दो बच्चे भी थे. प्रधानमंत्री जी ने तो पूरे देश में सफाई अभियान चला रखा है, लेकिन इस ट्रेन के जिस कोच में मैं सवार था, […]
मैं प्रभात खबर के माध्यम से प्रधानमंत्री जी को अवगत करना चाहता हूं कि मैं पिछले दिनों पलामू एक्सप्रेस से पटना से गढ़वा आ रहा था. मेरे साथ मेरे दो बच्चे भी थे.
प्रधानमंत्री जी ने तो पूरे देश में सफाई अभियान चला रखा है, लेकिन इस ट्रेन के जिस कोच में मैं सवार था, उसके बाथरूम के दरवाजे और अंदर के भागों में जिस प्रकार की ईल बातें लिखी हुई थीं, उसे देख कर कोई भी महिला शरमा जाये. मैं यह सोचने पर मजबूर हूं कि भोले-भाले बच्चों पर इसका क्या असर पड़ता होगा? क्या ट्रेनों में महिलाओं के साथ दुर्घटनाएं संभव नहीं हैं?
इस ट्रेन से मैं बीते दिसंबर से अब तक करीब पांच-छह बार सफर कर चुका हूं और संयोग से उसी कोच में बर्थ मिला, जिसमें ईल बातें लिखी थीं. इन महीनों में रेलवे के किसी कर्मचारी ने उक्त वाक्यों को मिटाने की कोशिश तक नहीं की.
संजीव कुमार, गढ़वा