प्रभात खबर में डॉ भुवन मोहन द्वारा प्रकाशित विचार, विशेष राज्य के दरजे से क्या होगा, विचार से मैं भी पूर्ण रूप से सहमत हूं. कहा गया है कि पहले लायक बनो, तब इच्छा प्रकट करो. पड़ोसी राज्य विकास के लिए जो प्रयास कर रहा है, उसके गुणों का अनुसरण करना चाहिए.
झारखंड संसाधनों से परिपूर्ण है, लेकिन यहां चीजों की अहमियत कोई नहीं समझता. यहां के नेतागण एक-दूसरे की खिंचाई करने में लगे रहते हैं. उसी का नतीजा है हर वर्ष एक नये सरकार का पुनर्गठन. नयी सरकार बनने के बावजूद यहां की व्यवस्था में कोई सुधार नहीं आता. जनता के हित में कोई कार्य नहीं किया जाता. सरकार को राज्य के लिए सकारात्मक कार्य करने चाहिए. एक दूसरे की राह में रोड़ा अटकाने से बेहतर है कि सरकार विकास की राह पर चले. जनता के दिल में अपने लिए जगह बनाये, तभी वर्तमान सरकार टिक पायेगी. परमेश्वर झा, दुमका