योग की चेतना और देश में व्याधियां

भारत एक बार फिर विश्व गुरु बनने की राह पर बढ़ चला है. दुनिया भर में योग के प्रति लोगों की जागरूकता इसका जीता-जागता प्रमाण है. योग के प्रभाव को देख कर दुनिया के कई देश इसे आधिकारिक रूप से अपना चुके हैं. योग धर्म से परे है. यह स्वास्थ्यवर्धक है. यह तन-मन से व्याधियों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 4, 2015 5:30 AM
भारत एक बार फिर विश्व गुरु बनने की राह पर बढ़ चला है. दुनिया भर में योग के प्रति लोगों की जागरूकता इसका जीता-जागता प्रमाण है. योग के प्रभाव को देख कर दुनिया के कई देश इसे आधिकारिक रूप से अपना चुके हैं. योग धर्म से परे है. यह स्वास्थ्यवर्धक है. यह तन-मन से व्याधियों को दूर करने की शक्ति प्रदान करता है. अब हर जाति, धर्म और वर्ग के लोग योग कर रहे हैं और कर सकेंगे.
योग घर-घर में प्रचलित हो गया है. जिस रफ्तार से योग का अनुसरण और अनुकरण बढ़ रहा है, उसे देख कर तो अब उम्मीद की जा रही है कि हमारा भारत देश भी भ्रष्टाचार, गरीबी, जातीय और धार्मिक हिंसा, महिला उत्पीड़न आदि व्याधियों से उबर जायेगा. सर्वधर्म समभाव और मजबूत होगा. सही मायने में तभी हम ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ को सार्थक कर सकेंगे.
मनोरंजन मांझी, जमशेदपुर

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