मिलावट का जहर स्वास्थ्य पर भारी
हमारे देश में खाद्य पदार्थो में मिलावट नयी समस्या नहीं है. मिलावट और खराब उत्पाद बेचे जाने की खबरें आम बात हो चुकी हैं. साल-दर-साल इसका दायरा व्यापक होता जा रहा है. एक ओर जहां दूध में ग्लूकोज और साबुन मिलाने के मामले सामने आ रहे हैं, तो वहीं दवाओं में चाक पाउडर और हानिकारक […]
हमारे देश में खाद्य पदार्थो में मिलावट नयी समस्या नहीं है. मिलावट और खराब उत्पाद बेचे जाने की खबरें आम बात हो चुकी हैं. साल-दर-साल इसका दायरा व्यापक होता जा रहा है. एक ओर जहां दूध में ग्लूकोज और साबुन मिलाने के मामले सामने आ रहे हैं, तो वहीं दवाओं में चाक पाउडर और हानिकारक रसायन की शिकायत आ रही है. इसके अलावा खाद्य पदार्थो में खतरनाक रंगों और जानलेवा जीवाणुओं की मौजूदगी आम है.
अधिक मुनाफा कमाने के लालच में नामी कंपनियों से लेकर खोमचेवालों तक ने उपभोक्ताओं के हितों को ताख पर रख दिया है. जाहिर है खाद्य संरक्षा विभाग के अधिकारियों और उत्पादकों, वितरकों एवं विक्रेताओं के बीच सांठगांठ ने मिलावट के संकट को व्यापक बना दिया है. मिलावट करनेवालों को सख्त सजा होनी चाहिए.
अभिमन्यु पांडेय, हीरापुर, धनबाद