झारखंड में आज युवाओं की अच्छी खासी फौज अपने मजबूत इरादों एवं कर्मो से सफलता का परचम लहरा रही है, तो कुछ युवा नशाखोरी के शिकंजे में फंसते जा रहे हैं. शराब, गांजा, भांग, तंबाकू, गुटखा जैसे मादक पदार्थो का धड़ल्ले से सेवन किया जा रहा है. युवा अपने मार्ग से विमुख होते जा रहे हैं. इन्हीं युवाओं को देख कर एक बड़ा समूह पथभ्रष्ट हो गया है.
पहले शौक में की गयी शुरुआत बाद में नशाखोरी का रूप धारण कर लेती है. समाज के विभिन्न वर्गो के युवा इस दलदल में फंसते जा रहे हैं. नशाखोरी की वजह से अनेक युवक दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं. इतना कुछ खोने के बावजूद इस पर अंकुश लगाना सरकार के लिए आसान नहीं है. झारखंड को प्रगति के पथ पर आगे बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से नशामुक्ति अभियान चलाया जाना चाहिए.
चंदन गहलोत, जयराम कोलियरी, धनबाद