आंगनबाड़ी में पैसों की बरबादी

राज्य के हजारों आंगनबाड़ी केंद्रों में सरकार सिर्फ पैसा ही बरबाद कर रही है. इससे किसी का भला नहीं हो रहा. उल्टे बेवजह सरकार के साथ छोटे-छोटे बच्चों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. प्राथमिक स्कूलों में जाने से पहले उन्हें वह ज्ञान नहीं मिल पा रहा है, जिसके लिए सरकार ने इन केंद्रों की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 11, 2015 5:47 AM
राज्य के हजारों आंगनबाड़ी केंद्रों में सरकार सिर्फ पैसा ही बरबाद कर रही है. इससे किसी का भला नहीं हो रहा. उल्टे बेवजह सरकार के साथ छोटे-छोटे बच्चों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. प्राथमिक स्कूलों में जाने से पहले उन्हें वह ज्ञान नहीं मिल पा रहा है, जिसके लिए सरकार ने इन केंद्रों की स्थापना की थी.
निजी स्कूलों की बराबरी के चक्कर में सरकार ने इन्हें प्री-नर्सरी के तौर पर स्थापित तो कर दिया, लेकिन यह योजना बिल्कुल सफल नहीं है. बच्चों को प्राइमरी स्कूल के पूर्व ज्ञान को देना हो दूर, आलम ऐसा है कि राज्य के 70 फीसदी से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र नियमित रूप से संचालित भी नहीं हो रहे हैं. इनमें ज्यादातर में ताला लटका नजर आता है. इनमें 20 फीसदी तो ऐसे हैं, जो कभी खुलते ही नहीं. कहने की जरूरत नहीं कि ऐसे केंद्रों के पीछे किसी न किसी दबंग का हाथ है.
आनंद प्रकाश बंटी, चौपारण

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