भारत ने एक बार फिर लिया यू-टर्न
रूस में आयोजित भारत-पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों की 55 मिनट की वार्ता ने पूरे शंघाई सहकारिता संगठन के सम्मेलन को दरकिनार कर लोगों का सारा ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में सफलता हासिल की है. यह विश्व कूटनीति की सफलता का परिचायक है. रूस की इस यात्रा में एक बात तो साफ तौर पर झलक रही […]
रूस में आयोजित भारत-पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों की 55 मिनट की वार्ता ने पूरे शंघाई सहकारिता संगठन के सम्मेलन को दरकिनार कर लोगों का सारा ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में सफलता हासिल की है. यह विश्व कूटनीति की सफलता का परिचायक है.
रूस की इस यात्रा में एक बात तो साफ तौर पर झलक रही थी कि जब भारत के प्रधानमंत्री पाकिस्तान के अपने समकक्ष नवाज शरीफ से हाथ मिला रहे थे, तो दोनों का दिल नहीं मिला. यह तो तस्वीरों में भी साफ दिखाई देता है. ऐसा लग रहा था कि दोनों किसी के दबाव में जबरदस्ती मुलाकात कर रहे हैं.
भले ही लोग चाहे कुछ भी कहें, लेकिन इतना तो तय है कि भारत सरकार ने आतंकवाद के मसले पर एक बार फिर यू-टर्न लिया है. यह समझ से परे है कि लखवी को सजा दिलाने की मांग करनेवाले ने हाथ कैसे मिला लिया?
जंग बहादुर सिंह, गोलपहाड़ी, जमशेदपुर