इतिहास माफ नहीं करेगा इनकी चुप्पी
इतिहास में दृष्टिहीन, राष्ट्र को बरबाद करनेवाले, संवाद–हीन, मान–अपमान से ऊपर, न्याय–व्यवस्था, धर्म–पालन, प्रजा–पालन से दूर, केवल राजगद्दी के भक्त, अधर्मियों के संरक्षक एक राजा हुए, नाम था–धृतराष्ट्र! आज उपरोक्त गुणों से कमोबेश युक्त हमारे प्रधानमंत्री हैं, इतिहास दुहराने के लिए तत्पर! इन्हें सब दिखायी देता है – घोटालों पर घोटाले, कोयले की चोरी की […]
इतिहास में दृष्टिहीन, राष्ट्र को बरबाद करनेवाले, संवाद–हीन, मान–अपमान से ऊपर, न्याय–व्यवस्था, धर्म–पालन, प्रजा–पालन से दूर, केवल राजगद्दी के भक्त, अधर्मियों के संरक्षक एक राजा हुए, नाम था–धृतराष्ट्र!
आज उपरोक्त गुणों से कमोबेश युक्त हमारे प्रधानमंत्री हैं, इतिहास दुहराने के लिए तत्पर! इन्हें सब दिखायी देता है – घोटालों पर घोटाले, कोयले की चोरी की फाइल की चोरी, न्याय व्यवस्था को बदल कर अन्यायियों को बचाने की हिमाकत, देश के सम्मानित पद को अपमानित करनेवाले के समक्ष नतमस्तक रहने की गलती. उन्होंने युवा तुर्क के फरमान के समक्ष देश के गरिमामय पद और देश दोनों के सम्मान को ही आहत किया है.
केवल कुरसी के लिए मौन स्वीकृति के रूप में स्वयं को सम्मिलित किया, जिसके लिए इतिहास, काल और जनता ने किसी को न कभी क्षमा किया है, न करेगी.
अतुल आनंद, रामगढ़ कैंट