शिक्षक का अनादर करना अच्छा नही

पांच जुलाई के एक अंक में ‘छात्र सब्जी लाते पकड़े गये, शिक्षक को शो-कॉज’ शीर्षक से प्रकाशित एक समाचार पढ़ी. इसी तरह की अन्य खबरें भी आती हैं. खबरों को पढ़ कर हमें यही लगता है कि आज गुरु-शिष्य के संबंधों को ही ताक पर रख दिया गया है. अगर शिक्षक छात्रों से काम करा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2015 12:35 AM
पांच जुलाई के एक अंक में ‘छात्र सब्जी लाते पकड़े गये, शिक्षक को शो-कॉज’ शीर्षक से प्रकाशित एक समाचार पढ़ी. इसी तरह की अन्य खबरें भी आती हैं. खबरों को पढ़ कर हमें यही लगता है कि आज गुरु-शिष्य के संबंधों को ही ताक पर रख दिया गया है.
अगर शिक्षक छात्रों से काम करा ले, तो चौतरफा हंगामा खड़ा हो जाता है. यह खबर तुरंत अखबार में प्रकाशित हो जाती है. स्कूल में शिक्षक शैक्षणिक काम कराता है, तो हंगामा क्यों नहीं मचता? दुख की बात है कि अभिभावकों ने नालंदा में एक शिक्षक को पीट-पीट कर जान ले ली.
कोलकाता के स्कूलों में छात्र कान में टॉप और छात्राएं स्कर्ट पहन कर स्कूल जाना चाहती हैं. ऐसा करने से मना करने पर शिक्षकों के खिलाफ राजनीति शुरू हो जाती है. हम यही कहते हैं कि शिक्षकों का अनादर करना कतई शोभनीय नहीं है.
देवकुमार सिंह, आमला टोला, चाईबासा

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