17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

गांवों की दशा अब भी दयनीय

हमारा देश पहले भी दो भागों में विभाजित था, एक भारत और दूसरा इंडिया. आज भी ये दो पाटों के बीच का फासला बरकरार है.समय बदला, सरकारें बदलीं, लेकिन यदि कुछ नहीं बदला, तो आम आदमी का भाग्य. वैसे तो मैं विकास और आधुनिकता का समर्थक हूं. फिर भी मन में जब-तब कुछ सवाल कौंधते […]

हमारा देश पहले भी दो भागों में विभाजित था, एक भारत और दूसरा इंडिया. आज भी ये दो पाटों के बीच का फासला बरकरार है.समय बदला, सरकारें बदलीं, लेकिन यदि कुछ नहीं बदला, तो आम आदमी का भाग्य. वैसे तो मैं विकास और आधुनिकता का समर्थक हूं. फिर भी मन में जब-तब कुछ सवाल कौंधते हैं. जिस देश की 73 फीसदी आबादी अब भी ग्रामीण है और जहां के किसान आये दिन दुनिया से कूच कर रहे हें, वहां सौ स्मार्ट सिटी बनाने की बात कुछ हजम नहीं होती.

दुखद यह भी है कि इसका नाम आते ही लोग ऐसे खुश होते हैं, जैसे चंद रोज में स्मार्ट सिटी बनी और लोग झट उसमें बस गये. जिस देश की रेलगाड़ियों में सवारियों को सुविधाएं प्राप्त करने के लिए इंतजार करना पड़ता हो, वहां बुलेट ट्रेन की बात समझ में नहीं आती. हम तो आज भी अच्छे दिन के इंतजार में बैठे हैं.

नीतीश कुमार निशांत, रांची

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें