राज्य में बिजली की आंखमिचौली जारी
संपादक महोदय, आज भले ही झारखंड सरकार राज्य के गांवों में बिजली पहुंचाने का आश्वासन दे रही हो, लेकिन जिन जगहों पर वर्षो पहले विद्युतीकरण कर दिया गया, वहां के लोगों को ढंग से बिजली का दर्शन भी नहीं हो पा रहा है. आज भी अनेक ऐसे गांव और कस्बे हैं, जहां के लोगों को […]
संपादक महोदय, आज भले ही झारखंड सरकार राज्य के गांवों में बिजली पहुंचाने का आश्वासन दे रही हो, लेकिन जिन जगहों पर वर्षो पहले विद्युतीकरण कर दिया गया, वहां के लोगों को ढंग से बिजली का दर्शन भी नहीं हो पा रहा है.
आज भी अनेक ऐसे गांव और कस्बे हैं, जहां के लोगों को लालटेन युग में जीना पड़ रहा है. महाशय, कई गांवों में तो बच्चों को पढ़ाई करने के लिए लालटेन भी नहीं मिल पाता है.
ऐसी स्थिति में उन्हें मिट्टी तेल के दीये अथवा ढिबरी में बैठ कर अध्ययन करना पड़ता है. सबसे बड़ी समस्या है कि यदि किसी गांव, कस्बा या शहर का ट्रांसफॉर्मर जल जाता है, तो सालों तक उसकी मरम्मत नहीं की जाती. तार टूट जाने पर जोड़ा नहीं जाता. खंभे गिर गये, तो दूसरे लगाये नहीं जाते. ऐसी स्थिति में भला बिजली की समुचित आपूर्ति का दावा कहां से पूरा हो सकेगा.
संदीप कुमार सिंह, बानो, सिमडेगा