शिक्षा से ही अपराध में आयेगी कमी

कभी हम संस्कृति से आगे होते हैं, तो कभी संस्कृति हमसे आगे दौड़ती नजर आती है. संस्कृति शिक्षा के बिना अधूरी है. शिक्षा लोगों को अपराध की दुनिया में कदम रखने से भी बचाती है.कई लोग तर्क देते हैं कि शिक्षा अपराध गठित करने का कारण है, लेकिन तर्क यह भी है कि शिक्षित अपराध […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 28, 2015 1:08 AM
कभी हम संस्कृति से आगे होते हैं, तो कभी संस्कृति हमसे आगे दौड़ती नजर आती है. संस्कृति शिक्षा के बिना अधूरी है. शिक्षा लोगों को अपराध की दुनिया में कदम रखने से भी बचाती है.कई लोग तर्क देते हैं कि शिक्षा अपराध गठित करने का कारण है, लेकिन तर्क यह भी है कि शिक्षित अपराध की दलदल में प्रवेश नहीं कर सकते.
किसी चीज के बारे में तभी कुछ कहा भी जा सकता है जब खुद अपनी आंखों से देखा गया हो. लेकिन किसी वस्तु को हम तभी देखते हैं, जब आंख में देखने की क्षमता होती है. इसी क्षमता के अनुरूप हमारी प्रवृत्ति भी हो जाती है.
लोग एक ही वस्तु को कई नजरिये से देखते हैं. लोगों की वही प्रवृत्ति संस्कृति का हिस्सा बन जाती है. प्रवृत्ति ही आचरण है. यदि हम शिक्षित हैं, तो हम अपना आचरण और प्रवृत्ति भी बदल सकते हैं.
आशीष कुमार, हजारीबाग

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