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स्थिति यथावत, तो परिवर्तन कहां है?
संपादक महोदय, आपके समाचार पत्र के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से कहना है कि उनके सत्ता संभालते ही लोगों में बेरोजगारी मिटने, महंगाई व भ्रष्टाचार कम होने आदि की उम्मीद जगी थी. आपने चुनावों में परिवर्तन का नारा भी दिया था. लोगों में आमूल परिवर्तन की आस जगी थी, लेकिन एक साल से […]
संपादक महोदय, आपके समाचार पत्र के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से कहना है कि उनके सत्ता संभालते ही लोगों में बेरोजगारी मिटने, महंगाई व भ्रष्टाचार कम होने आदि की उम्मीद जगी थी.
आपने चुनावों में परिवर्तन का नारा भी दिया था. लोगों में आमूल परिवर्तन की आस जगी थी, लेकिन एक साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी कोई परिवर्तन नजर नहीं आ रहा है. महंगाई यथावत बनी है. पेट्रोल-डीजल की वैश्विक बाजार में कीमत घटने के बावजूद भारत में कीमतें बढ़ायी जा रही हैं. भ्रष्टाचार कम होने के बजाय दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है.
देश-दुनिया में कई ऐसे अवसर आये, जिसका आर्थिक लाभ उठा कर उसका फायदा देश की जनता को दे सकते थे, लेकिन आपने ऐसा नहीं किया. हां, देसी कंपनियों को इसका लाभ जरूर मिल रहा है. जरा, जनता पर भी ध्यान दें.
अरविंद शर्मा, रांची
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