पुरुषों को भी शालीनता सीखनी चाहिए
संपादक महोदय, पाठक मत में प्रकाशित डॉ उषा किरण का लेख ‘नारी पर आरी मत चलायें’ मन को छू गया. उनका विचार बिल्कुल सही है. आज नारी सशक्तीकरण की बात कही जाती है, पर पुरुषों की विकृत और कुत्सित मानसिकता को दोष न देकर कई लोगों द्वारा दुष्कर्म की शिकार स्त्रियों को ही दोष दिया […]
संपादक महोदय, पाठक मत में प्रकाशित डॉ उषा किरण का लेख ‘नारी पर आरी मत चलायें’ मन को छू गया. उनका विचार बिल्कुल सही है. आज नारी सशक्तीकरण की बात कही जाती है, पर पुरुषों की विकृत और कुत्सित मानसिकता को दोष न देकर कई लोगों द्वारा दुष्कर्म की शिकार स्त्रियों को ही दोष दिया जाता है. कभी इनके पहनावा, कभी इनकी आजादी पर आक्षेप होता रहता है.
यह कितनी शर्म की बात है पुरुषों के लिए कि 72 वर्ष की वृद्धा नन और एक अन्य घटना में 59 वर्ष की एक महिला से दुष्कर्म होता है. ऐसे पुरुषों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए. शालीनता एक ऐसा गुण है, जो न केवल स्त्रियों, वरन पुरुषों को भी अपनाना चाहिए. व्यवहार, बोलचाल, पहनावा आदि में शालीनता बरतनेवाले सभी स्त्री-पुरुष की सब कोई इज्जत करते हैं. शालीनता की सुरक्षा का मूलाधार है.
अवधेश कुमारी वर्मा, डोरंडा, रांची