समाज बदलने के लिए पहले सोच बदलें

समाज की मानसिकता दूषित होने और लड़कियों के साथ हो रहे अपराधों के लिए कुछ वेबसाइटों को काफी हद तक जिम्मेदार माना जा सकता है. भारत को अपना संस्कार बचाये रखने के लिए पश्चिमी सभ्यता की अश्लीलता और फूहड़ता को छोड़ना होगा. जो लोग पोर्न साइटों के समर्थक हैं, वे इस पर प्रतिबंध लगाने को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 6, 2015 11:37 PM
समाज की मानसिकता दूषित होने और लड़कियों के साथ हो रहे अपराधों के लिए कुछ वेबसाइटों को काफी हद तक जिम्मेदार माना जा सकता है. भारत को अपना संस्कार बचाये रखने के लिए पश्चिमी सभ्यता की अश्लीलता और फूहड़ता को छोड़ना होगा.
जो लोग पोर्न साइटों के समर्थक हैं, वे इस पर प्रतिबंध लगाने को निजी आजादी पर चोट मान रहे हैं. ये लोग यह बताने में असमर्थ हैं कि व्यक्तिगत व शयनकक्ष की चीज सार्वजनिक रूप से कैसे और क्यों उपलब्ध रहती है?
ये बेबसाइटें अवैध रूप से प्रतिवर्ष अरबों-खरबों रुपये का कारोबार करती हैं. इन्हीं पोर्न साइटों के चलते देश में यौन उत्पीड़न और बलात्कार/सामूहिक बलात्कार जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं. पाश्चात्य सभ्यता की अंधी नकल में सभी व्यस्त हैं. लोगों को अपनी सोच में बदलाव लाना होगा. तभी देश और समाज में बदलाव होगा.
सतीश कुमार सिंह, रांची

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