संसद का बाधित होना देश का दुर्भाग्य
पिछले कुछ समय से विपक्ष के हंगामे के कारण संसद सुचारु रूप से नहीं चल पा रही है. हर सत्र में विपक्षी सदस्य तख्तियों के साथ सदन में घुस कर नारेबाजी करने लगते हैं. उनकी मंशा सिर्फ और सिर्फ हंगामा खड़ा करने की होती है. पिछली सरकार में विपक्ष के तौर पर भाजपा का भी […]
पिछले कुछ समय से विपक्ष के हंगामे के कारण संसद सुचारु रूप से नहीं चल पा रही है. हर सत्र में विपक्षी सदस्य तख्तियों के साथ सदन में घुस कर नारेबाजी करने लगते हैं. उनकी मंशा सिर्फ और सिर्फ हंगामा खड़ा करने की होती है.
पिछली सरकार में विपक्ष के तौर पर भाजपा का भी यही रुख हुआ करता था. विपक्ष में रहने के दौरान भाजपाई भी संसद में इसी प्रकार का हंगामा खड़ा किया करते थे. अब यूपीए के सांसद वही काम कर रहे हैं, जो भाजपाई करते थे. एक ओर जहां ब्रिटेन में देशहित की बात आते ही धुर विरोधी भी साथ खड़े दिखते हैं.
भारत में सबकुछ जानते-समझते हुए भी सभी पार्टियां देशहित के मुकाबले पार्टीहित को ही महत्व देने जैसा व्यवहार करती हैं. राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभानेवाले सांसदों का सदन का समय बर्बाद करना सिर्फ और सिर्फ गैर-जिम्मेदाराना हरकत है.
आनंद मिश्र, रांची