सरकारी स्कूलों में अव्यवस्था का अंबार
सरकारी स्कूलों में मिलनेवाले मिड डे मील को लेकर अखबारों में अक्सर खबरें देखने को मिल जाती हैं. कभी बच्चों को खाने के लिए अंडे परोसने की खबर आती है, तो कभी अंडे खाकर बीमार पड़ने की. हमें यह समझ में नहीं आता कि शिक्षा देनेवाले शिक्षकों को जब मिड डे मील परोसने में लगा […]
सरकारी स्कूलों में मिलनेवाले मिड डे मील को लेकर अखबारों में अक्सर खबरें देखने को मिल जाती हैं. कभी बच्चों को खाने के लिए अंडे परोसने की खबर आती है, तो कभी अंडे खाकर बीमार पड़ने की.
हमें यह समझ में नहीं आता कि शिक्षा देनेवाले शिक्षकों को जब मिड डे मील परोसने में लगा दिया जायेगा, तो शिक्षा व्यवस्था तो चरमरायेगी ही. आज प्राथमिक और मध्य विद्यालय की शिक्षा पारा शिक्षकों के भरोसे है. ऐसे में बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूलों में जितने शिक्षकों की जरूरत है, उन स्कूलों में उतनी मात्र में शिक्षकों की नियुक्ति ही नहीं की जाती है.
इस पर आलम यह कि कई स्कूलों में तो कमरों की ही व्यवस्था नहीं होती है. नौनिहालों को पेड़ के नीचे बैठ कर पढ़ना पड़ता है. कई स्कूलों में कमरे हैं, तो बैठने के लिए बेंच नहीं है. ऐसे में अच्छी शिक्षा की मंशा पालना बेमानी ही होगी.
देव कुमार सिंह, चाईबासा