देश में भ्रष्टाचार की जड़ें मजबूत

भारत में भ्रष्टाचार पर तमाम अध्ययन हुए. संसद में चर्चा के साथ अनगिनत ऐसे मौके आये, जब लोकिप्रय आंदोलनों ने जन्म लिया. कुछ ने तो इसे ढाल बना कर सत्ता हासिल की और कुछ ख्यातिलब्ध हो गये. अन्ना का आंदोलन इसका ज्वलंत उदाहरण है. आम जीवन पर भ्रष्टाचार इस कदर हावी हुआ कि अब यह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 11, 2015 11:45 PM
भारत में भ्रष्टाचार पर तमाम अध्ययन हुए. संसद में चर्चा के साथ अनगिनत ऐसे मौके आये, जब लोकिप्रय आंदोलनों ने जन्म लिया. कुछ ने तो इसे ढाल बना कर सत्ता हासिल की और कुछ ख्यातिलब्ध हो गये.
अन्ना का आंदोलन इसका ज्वलंत उदाहरण है. आम जीवन पर भ्रष्टाचार इस कदर हावी हुआ कि अब यह रोजमर्रा का हिस्सा बन चुका है. भ्रष्टाचार यदि अटपटा न लगे, तो स्थिति को समझने और संभालने की जरूरत है. आज जीवन के तमाम पहलु भ्रष्टाचार के ताने-बाने में उलझ कर रह गया है.
कभी यह समाज में निम्न नजर से देखा जाता रहा होगा, मगर आज तो यह इसका चलन बढ़ गया है. इसका गर्व के साथ बखान किया जाता है. जितनी जिसकी ऊपरी आय वह उतना बड़ा रसूखदार. आजादी के बाद जब अपने मुल्क के तकदीर को सजाने का मौका आया तो भ्रष्टाचार ने जड़ें जमा ली.
डॉ अमरजीत कुमार, ई-मेल से

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