राजनीतिक एकजुटता की जरूरत

हमारे देश की आजादी को 68 साल हो गये. आज का यह वक्त अपने प्यारे वतन को नमन करने का वक्त है. भारत शैशवास्था से ऊपर उठ कर पूरी तरह जवान है. पूरे देश में युवा अधिसंख्य हैं. देश को उन पर नाज है. आज हम मानव संसाधन से परिपूर्ण है. आजादी के बाद से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 15, 2015 12:45 AM
हमारे देश की आजादी को 68 साल हो गये. आज का यह वक्त अपने प्यारे वतन को नमन करने का वक्त है. भारत शैशवास्था से ऊपर उठ कर पूरी तरह जवान है. पूरे देश में युवा अधिसंख्य हैं. देश को उन पर नाज है.
आज हम मानव संसाधन से परिपूर्ण है. आजादी के बाद से लेकर अब तक देश ने काफी तरक्की की है. यह बात अलग है कि विकास की रोशनी सबकी दहलीज तक नहीं पहुंच पायी है. ऐसा शायद इसलिए भी नहीं हो पाया कि हमारा देश विशाल है.
स्वाधीनता दिवस के इस मौके पर हम देशवासियों को खुद का मूल्यांकन करना चाहिए कि हम देशवासी अपनी आजादी अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए क्या कर रहे हैं? देश चलाने की जिम्मेदारी सिर्फ यहां की सरकारों की ही नहीं है, बल्कि हम नागरिकों का भी कुछ कर्तव्य बनता है.
हमारा कर्तव्य सरकार के कार्यो में अपना सहयोग प्रदान करना है. आज अगर चीन और जापान दुनिया में आगे हैं, तो उसके पीछे वहां की मानव शक्ति के उचित प्रयोग और देश निर्मित उत्पादों को बढ़ावा देने से हुआ है. आज देश को यहां के युवाओं से एक ऐसी ही क्रांति की जरूरत है.
हमारे देश की छवि दुनिया में सुधरी है. दुनिया के लोग हमें विश्व शक्ति के रूप में चिह्न्ति करने लगे हैं, लेकिन अभी यह कोसों दूर नजर आता है. देश के आंतरिक भागों में और सीमाओं पर उथल-पुथल मचा है. हमें इन गंभीर समस्याओं पर विचार करना होगा.
निष्पक्ष मूल्यांकन किया जाये, तो देश के सामने सबसे बड़ी समस्या राजनीतिक एकजुटता में आयी कमी है. इससे देश की तरक्की बाधित हो रही है. आइये, आज हमें देश के 69वें स्वतंत्रता दिवस पर देश की आंतरिक और बाह्य समस्याओं को मिटाने का संकल्प लें. जय हिंद, जय भारत!
नारायण कैरों, लोहरदगा

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