सरकारी वाहनों का रुके दुरूपयोग
सरकारी कर्मचारियों को काम में तेजी लाने के लिए चार चक्का वाहन उपलब्ध कराये जाते हैं. लेकिन देर रात तक ये वाहन शहर के गली-नुक्कड़ पर निजी काम में इस्तेमाल होते देखे जा सकते हैं. दिलचस्प बात यह है कि सरकारी वाहन का ड्राइवर ही गाड़ी लॉग बुक भरता है. इसमें तिथि के साथ वाहन […]
सरकारी कर्मचारियों को काम में तेजी लाने के लिए चार चक्का वाहन उपलब्ध कराये जाते हैं. लेकिन देर रात तक ये वाहन शहर के गली-नुक्कड़ पर निजी काम में इस्तेमाल होते देखे जा सकते हैं.
दिलचस्प बात यह है कि सरकारी वाहन का ड्राइवर ही गाड़ी लॉग बुक भरता है. इसमें तिथि के साथ वाहन कहां-कहां गया, इसका ब्योरा देना होता है. गाड़ी एक दिन में कितने किलोमीटर चली यह सूचना भी देनी पड़ती है. साहब के डर से चालक गाड़ी की लॉग बुक में हेर-फेक करके काम चलाता है.
अच्छा हो कि सरकारी वाहन का इस्तेमाल करने वाले अफसर रात में जब गाड़ी का इस्तेमाल करें, तो उसका ईंधन खुद भरवायें और ड्राइवर को अलग से खर्च दें. लेकिन ऐसा होता नहीं. जनता को ईमानदारी का पाठ पढ़ाने वाले लोग खुद सरकारी वाहनों का दुरूपयोग करते रहते हैं.
परमेश्वर झा, दुमका