पहले भी हुए थे नगा शांति समझौते

प्रभात खबर के सात अगस्त के विशेषांक में प्रकाशित ‘क्या नगालैंड में बंदूकें हमेशा के लिए खामोश हो जायेंगी?’ एक बड़ा प्रश्न है. इसका उत्तर एक शब्द में देना आसान नहीं है. नगा विद्रोह प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के समय से होता आ रहा है. प्रभात खबर ने खुद अपने प्रश्न का उत्तर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 21, 2015 3:22 AM
प्रभात खबर के सात अगस्त के विशेषांक में प्रकाशित ‘क्या नगालैंड में बंदूकें हमेशा के लिए खामोश हो जायेंगी?’ एक बड़ा प्रश्न है. इसका उत्तर एक शब्द में देना आसान नहीं है. नगा विद्रोह प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के समय से होता आ रहा है.
प्रभात खबर ने खुद अपने प्रश्न का उत्तर भी दिया है कि बीते 68 सालों में यह चौथा शांति समझौता है. जैसे वादे किये और तोड़े जाते हैं, कुछ यही हाल समझौतों का भी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नगा शांति समझौता केंद्र सरकार और नगा विद्रोहियों के बीच हुआ है.
इस समझौते में खापलांग गुट के लोग शामिल नहीं हैं, जो सबसे खतरनाक नगा विद्रोही माना जाता है. तो क्या यह मान लेना ही काफी है कि इस शांति समझौते से अब नगालैंड में विद्रोह नहीं किये जायेंगे. इस बात की तसदीक कौन करेगा, सरकार या विद्रोही?
भगवान ठाकुर, तेनुघाट

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