नीचा दिखाने को नहीं मिल सकती छूट

पाकिस्तान की ओर से अपने सुरक्षा सलाहकार को भारत नहीं भेजने के फैसले के साथ ही दोनों देशों के साथ बातचीत के सारे रास्ते एक बार फिर बंद हो गये. सुरक्षा सलाकारों की बैठक पर शंका के बादल शुरुआती दौर में ही मंडराने लगे थे.यह कोई पहली दफा ऐसा नहीं हुआ है. इसके पहले भी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 25, 2015 11:32 PM
पाकिस्तान की ओर से अपने सुरक्षा सलाहकार को भारत नहीं भेजने के फैसले के साथ ही दोनों देशों के साथ बातचीत के सारे रास्ते एक बार फिर बंद हो गये. सुरक्षा सलाकारों की बैठक पर शंका के बादल शुरुआती दौर में ही मंडराने लगे थे.यह कोई पहली दफा ऐसा नहीं हुआ है. इसके पहले भी पाकिस्तान इसी तरह की हरकत कर चुका है.
पाकिस्तान एनएसए वार्ता से पहले अलगाववादियों से बातचीत चाहता था. वह यह भी चाहता था कि कश्मीर मुद्दे उठा कर वार्ता को लक्ष्य से भटका दिया जाये. इसी वजह से उसने अलगाववादी नेताओं को सरताज अजीज के रिसेप्शन में शामिल होने का न्योता भेजा.
भारत को इसमें आपत्ति नहीं कि वह हुर्रियत नेताओं से मुलाकात करें, लेकिन वह यह भी नहीं होने देना चाहता कि वार्ता से पहले इन नेताओं से बातचीत हो और एक तमाशा खड़ा हो. पाक का मकसद भारत को उकसाना व यह दुष्प्रचार करना भी है कि कश्मीर का समाधान तो हुर्रियत ही कर सकता है.
पाकिस्तान को सामान्य कूटनीतिक शिष्टाचार से अवगत होना चाहिए. क्या वह किसी भारतीय प्रतिनिधि को इस्लामाबाद में गिलिगट-बाल्टिस्तान के किसी नेता से मुलाकात करने देगा?
यदि भारत बलूचिस्तान के नेताओं से इस आधार पर संपर्क साधना चाहे कि वे अपने इलाके के पाकिस्तान में विलय को लेकर सवाल उठा रहे हैं, तो क्या नवाज शरीफ सरकार इसकी इजाजत देगी? ऐसा भी नहीं है कि पाकिस्तान या फिर उसके सुरक्षा सलाहकार इससे अवगत न हों कि हुर्रियत नेता क्या चाहते हैं?
आखिर उसके सुरक्षा सलाहकार भारत आने के पूर्व फोन पर बातचीत क्यों नहीं कर लेते? अगर पाकिस्तान भारत को नीचा दिखाना चाहता है तो उसे इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती.
अनिल सक्सेना, जमशेदपुर

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