नफरत की राजनीति बंद करे पाकिस्तान

भारत की आजादी के समय ऐसी परिस्थितियां बनीं, जिससे भारत-पाकिस्तान का बंटवारा हुआ. एक ही परिवार के दो सदस्यों के बीच सरहद के नाम की लकीर खींच दी गयी. हालांकि, बंटवारे का दर्द कई वर्षो तक बड़ी आबादी ने ङोला. आशा थी कि इस विप्लवकारी विभाजन के बाद दो राष्ट्र अमन,चैन और शांति के साथ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 3, 2015 12:10 AM
भारत की आजादी के समय ऐसी परिस्थितियां बनीं, जिससे भारत-पाकिस्तान का बंटवारा हुआ. एक ही परिवार के दो सदस्यों के बीच सरहद के नाम की लकीर खींच दी गयी. हालांकि, बंटवारे का दर्द कई वर्षो तक बड़ी आबादी ने ङोला.
आशा थी कि इस विप्लवकारी विभाजन के बाद दो राष्ट्र अमन,चैन और शांति के साथ रहेंगे. दुर्भाग्यवश, विभाजन के बाद भी सब कुछ ठीक नहीं है. पाकिस्तान आज भी अशांत है. सीमा पर माहौल खराब कर दहशत फैलाता रहता है. समझ नहीं आता कि आखिर पाकिस्तान चाहता क्या है? पाकिस्तान अपनी जमीन पर आतंकियों को प्रशिक्षित कर भारत में अशांति फैलाने का काम करता रहता है.
कश्मीर को लेकर गंदी राजनीति करने से भी बाज नहीं आता. ऐसा करना पाकिस्तान के लिए भी बेहतर साबित नहीं हो रहा है. वहीं आतंकी भी हमले का शिकार होता रहा है. इसके बाद भी उसकी नींद नहीं खुल रही है. यहां तक कि भारत के साथ रूटीन बातचीत में भी आतंक को शामिल नहीं करना चाहता.
सुधीर कुमार, इ-मेल से

Next Article

Exit mobile version