शिक्षक दिवस का पैगाम

हम भारत के राष्ट्रपति और महान शिक्षाविद् डॉ राधाकृष्णन का जन्मदिन वर्षों से मनाते आ रहे हैं. शिक्षक हर युग में सम्मानीय रहे हैं. आज भी समाज में अच्छे शिक्षकों का काफी सम्मान है. उच्च कोटि का इंसान बनाना शिक्षक का काम है. बच्चों के लिए शिक्षक आइडियल होते है, उनकी बातें मानते हैं. इसलिए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 5, 2015 12:41 AM
हम भारत के राष्ट्रपति और महान शिक्षाविद् डॉ राधाकृष्णन का जन्मदिन वर्षों से मनाते आ रहे हैं. शिक्षक हर युग में सम्मानीय रहे हैं. आज भी समाज में अच्छे शिक्षकों का काफी सम्मान है.
उच्च कोटि का इंसान बनाना शिक्षक का काम है. बच्चों के लिए शिक्षक आइडियल होते है, उनकी बातें मानते हैं. इसलिए शिक्षक को भी चाहिए की वह बच्चों को आदर्श नागरिक बनायें. जिस प्रकार एक कुम्हार गीली मिट्टी को उपयोग में आने वाली बरतन का रूप दे देता है, उसी प्रकार शिक्षक बच्चों को समाज के लिए लाभकारी बना सकता है.
आज बच्चों को संवारने वाले शिक्षकों की संख्या कम से कमतर होती जा रही है. इसका महत्वपूर्ण कारण शिक्षा का बाजारीकरण है. हमें इससे ऊपर उठकर सोचना चाहिए. यही शिक्षा दिवस का पैगाम है.
खुर्शीद एकराम अंसारी, शिक्षक, मॉडल स्कूल, घाटशिला

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