टेट पास शिक्षकों की परेशानी
वर्तमान प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया औसत अंकधारी पारा शिक्षकों के लिए गले की हड्डी बनती जा रही है. उम्र सीमा में छूट का लाभ नहीं ले रहे पारा शिक्षकों को जिस तरह गैर-पारा की श्रेणी में जाने से रोका जा रहा है, वह न तो नैतिक है और न ही संवैधानिक. इसका असर अभ्यर्थियों के […]
वर्तमान प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया औसत अंकधारी पारा शिक्षकों के लिए गले की हड्डी बनती जा रही है. उम्र सीमा में छूट का लाभ नहीं ले रहे पारा शिक्षकों को जिस तरह गैर-पारा की श्रेणी में जाने से रोका जा रहा है, वह न तो नैतिक है और न ही संवैधानिक. इसका असर अभ्यर्थियों के चरित्र पर भी पड़ता दिख रहा है.
एक ही आवेदक द्वारा दोनों श्रेणी में आवेदन करने से इसकी खामियां खुल कर सामने आ गयी हैं. आखिर पारा शिक्षकों पर लगे इस अनैतिक प्रतिबंध को हटाने की उम्मीद किससे करें. सरकार स्वयं ऊहापोह की स्थिति के लिए जिम्मेवार है.
शिक्षा विभाग भी इस मसले को सुलझाने के प्रति कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है. हर बार की तरह इस बार भी खामियाजा दावेदारों को ही भुगतना पड़ेगा. सरकार से आग्रह है कि इस मसले की गंभीरता को देखे और कदम उठाये.
– शेखर प्रसाद, सारठ