भ्रष्टाचारमुक्त कब होगा सरकारी तंत्र

जिस प्रकार देश की सीमाओं पर रक्षा करने के लिए सेना के जवानों ने कसम खायी है, ठीक उसी तरह देश के अंदरूनी भागों में सरकारी अफसरों ने रिश्वत लेने की कसम खा रखी है. वे बिना किसी रिश्वत के काम ही नहीं करना चाहते. सरकार उनकी समृद्धि बढ़ाने के लिए भत्ते पर भत्ता देती […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 10, 2015 4:16 AM
जिस प्रकार देश की सीमाओं पर रक्षा करने के लिए सेना के जवानों ने कसम खायी है, ठीक उसी तरह देश के अंदरूनी भागों में सरकारी अफसरों ने रिश्वत लेने की कसम खा रखी है. वे बिना किसी रिश्वत के काम ही नहीं करना चाहते. सरकार उनकी समृद्धि बढ़ाने के लिए भत्ते पर भत्ता देती जा रही है, लेकिन वे हैं कि अपनी काली कमाई बढ़ाने में लगे हैं.
गरीबों से भी रिश्वत लेने से बाज नहीं आ रहे. विडंबना यह है कि यदि कोई पैसेवाला आदमी किसी काम के लिए सरकारी दफ्तर में जाता है, तो उसे कुर्सी पर बिठाया जाता है और गरीब आदमी को टरका दिया जाता है. झारखंड में तो सरकारी अफसरों की स्थिति और भी बदतर है. हमें यह समझ में नहीं आता कि आखिर सरकारी तंत्र में कब सुधार होगा.आखिर गरीब आदमी का काम बिना किसी पैसे के किस दिन शुरू होगा. क्या सरकार इस दिशा में लाचार है?
– प्रिंस कु दुबे, पूर्वडीहा, पलामू

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