जेबकटी की ऑनलाइन डिलीवरी
आलोक पुराणिक व्यंग्यकार इतना ऑनलाइन मचा हुआ है चारों तरफ कि कभी डर लगने लगता है कि कहीं यमराज का मैसेज ना आ जाये कि आपके लेने आना पाॅसिबल नहीं है, ऑनलाइन मैसेज भेज रहा हूं. आपकी लाइफ की ऑनलाइन डिलीवरी लेनी है. खुद-ब-खुद मरके अपनी आत्मा इ-मेल पर अटैच करके भेज देना. बहुत काम […]
आलोक पुराणिक
व्यंग्यकार
इतना ऑनलाइन मचा हुआ है चारों तरफ कि कभी डर लगने लगता है कि कहीं यमराज का मैसेज ना आ जाये कि आपके लेने आना पाॅसिबल नहीं है, ऑनलाइन मैसेज भेज रहा हूं. आपकी लाइफ की ऑनलाइन डिलीवरी लेनी है. खुद-ब-खुद मरके अपनी आत्मा इ-मेल पर अटैच करके भेज देना. बहुत काम है मेरे पास, कास्ट-कटिंग में यमदूतों की छंटनी हो गयी है. यमदूत कम हैं, बंदे ज्यादा मारने हैं. आप ऑनलाइन ही आ जायें… एक दिन यह भी होगा. कुछ भी ऑफलाइन नहीं होगा, सब कुछ ऑनलाइन ही होगा.
बच्ची चहक रही थी कि ऑनलाइन ने जिंदगी बहुत आसान कर दी है, जो भी चीज चाहिए हो, ऑनलाइन ऑर्डर करो और घर बैठे-बैठे वह चीज मिल जाती है. मैंने इसे यूं सुना-घर बैठे-बैठे जेब से पैसे निकल जाते हैं. पहले जब बाजार में ही सामान खरीदने जाना पड़ता था, तब घर में रखी, जेब में रखी रकम सुरक्षित रहती थी. अब बाजार घर में इतना अंदर आ गया है कि घर में रखे पैसे निकल जाते हैं.
सब कुछ ऑनलाइन हो गया है. सब कुछ, बर्गर, पिज्जा घर में आ जाता है. चलो पिज्जा, बर्गर तो बुनियादी मानवीय आवश्यकताएं हैं, पर तरह-तरह की डिजाइन के महंगे इयर-रिंग बनानेवाले भी घर आकर जेब से रकम निकाल कर चले जाते हैं. चार क्लिक में कैश ऑन डिलीवरी यानी घर में आकर माल बेच कर कैश लेनेवाले डील संपन्न हो जाते हैं. कैश की डिलीवरी लेने तो बहुत लोग आ जाते हैं, पर यह बताने कोई ना आता कि कैश सप्लाई कहां से आनेवाली है.
जेब से ऑनलाइन निकालने के इंतजाम जिस तरह से हो रहे हैं, उसे देख कर लगता है कि कुछ दिनों में इलाके के रहजन, चेन-स्नैचर, जेबकट ऑनलाइन ऑफर देने लगेंगे कि रहजनी की होम-डिलीवरी लीजिए, आराम से घर में लुटिए. आप घर से बाहर लुटें, घर से बाहर आपकी चेन कोई खींच कर ले जाये, घर से बाहर आपकी जेब कट जाये, तो आपको बहुत ही कष्ट हो सकते हैं. सोचिए, चौराहे पर आपकी जेब कट गयी और आपके पास वापस घर आने के लिए पैसे तक ना बचे, ऐसे संकट से बचाने के लिए आप अपने घर में ही अपनी जेब कटवाइए, जेबकटी की ऑनलाइन डिलीवरी.
मेरे ख्याल में बहुत से लोग ऐसे ऑफर मंजूर भी कर लेंगे. मेरे इलाके में महिलाओं की चेनों की स्नैचिंग जबरदस्त होती है. घर से निकली, रास्ते में ही चेन-स्नैचिंग हो गयी, गला घायल हो गया, मूड ऑफ हो गया. बेहतर है कि घर में ही चेन-स्नैचिंग हो जाये.
जल्दी ही जेबकटी की ऑनलाइन डिलीवरी शुरू हो जायेगी, तरह-तरह से जेब काटनेवाले आ रहे हैं, तो फिर ये पीछे कैसे रहेंगे.
पुनश्च- समान रैंक, समान पेंशन के मसले पर पाक सेना के टॉप जनरल भारतीय सैनिकों को भड़का रहे हैं-कैसे सैनिक हो तुम, जो सेना में होकर सैलरी मांगते हो. हमें देखो, पाकिस्तान में तो सेना सैलरी नहीं धरवाती, उसने तो पूरा मुल्क ही बतौर सैलरी धरा लिया है. ऐसी सेना पाक के अलावा कहीं और पायी जाये, तो पाक सेना को ना बतायें. पाक सेना मुल्क से ज्यादा भी कुछ लेने को तैयार बैठी है.