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सर्वांगीण विकास का सपना टूटा
झारखंड को अलग हुए 15 साल होने को है. राज्य के सर्वांगीण विकास का सपना संजो कर अलग राज्य का गठन किया गया था. इसके आंदोलन में अनेक लोगों ने कुर्बानियां दीं, मगर लोगों के सपने चकनाचूर हो गये. किसी भी स्तर पर तब्दीली नजर नहीं आ रही है. अनाचार, अत्याचार, अपहरण, बलात्कार, हत्या, फिरौती, […]
झारखंड को अलग हुए 15 साल होने को है. राज्य के सर्वांगीण विकास का सपना संजो कर अलग राज्य का गठन किया गया था. इसके आंदोलन में अनेक लोगों ने कुर्बानियां दीं, मगर लोगों के सपने चकनाचूर हो गये. किसी भी स्तर पर तब्दीली नजर नहीं आ रही है. अनाचार, अत्याचार, अपहरण, बलात्कार, हत्या, फिरौती, छिनतई भ्रष्टाचार और अंधविश्वास की बाढ़ आ गयी. आपराधिक तत्व बेलगाम हो गये हैं. मां-बहनें स्वच्छंद और निर्भीक होकर नहीं घूम सकतीं. कानून का किसी को डर नहीं है.
बेकारी की समस्या भयावह है. नये उद्योग लगाये नहीं जा रहे हैं. बिजली आपूर्ति की स्थिति भी दयनीय ही है. सड़कें बनती हैं, लेकिन बनते के साथ ही टूट भी जाती हैं. भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है. मुख्यमंत्री महोदय से आशा है कि वे इन समस्याओं पर गौर करेंगे.
– विनीत अशांत, रांची
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