बढ़ रहे हैं यौन उत्पीड़न के मामले

आजकल हमारे देश में अपनी हवश की पूर्ति के लिए महिलाओं, किशोरियों, बच्चों, वृद्ध महिलाओं से दुष्कर्म की घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है. गली-मोहल्ले, सार्वजनिक स्थानों, स्कूल-कॉलेजों, बसों और रेलगाड़ियों तक में महिलाओं के साथ छेड़-छाड़ और दुष्कर्म की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है. यह घोर चिंता का विषय है. कुछ लोग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 16, 2015 5:33 AM
आजकल हमारे देश में अपनी हवश की पूर्ति के लिए महिलाओं, किशोरियों, बच्चों, वृद्ध महिलाओं से दुष्कर्म की घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है. गली-मोहल्ले, सार्वजनिक स्थानों, स्कूल-कॉलेजों, बसों और रेलगाड़ियों तक में महिलाओं के साथ छेड़-छाड़ और दुष्कर्म की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है.
यह घोर चिंता का विषय है. कुछ लोग शादी का झांसा देकर, तो कुछ लोग नौकरी का लाभ देकर अपनी कुत्सित मंशा की पूर्ति करते हैं. समाज के बिगड़ते इस ताने-बाने को संभालने की जरूरत है. हमें उन कारणों की तह तक जाना होगा.
एक तरफ बेरोजगारी के कारण यदि युवाओं के चरित्र का पतन हो रहा है, तो दूसरी तरफ फिल्मों, धारावाहिकों में अश्लीलता का बढ़ना और आदर्श नेतृत्व के अभाव में यौन उत्पीड़न के मामले बढ़ रहे हैं. हमें समाज सुधारने के लिए इनमें भी बदलाव करना होगा.
– देवकुमार सिंह, आमला टोला, चाईबासा

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