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किस आधार पर बनवायें प्रमाण पत्र
इन दिनों झारखंड में तृतीय व चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है. इन दोनों वर्गों में नियुक्ति उसी की हो सकती है, जिसके पास आवास प्रमाण पत्र हो. विडंबना यह है कि अभी तक इस राज्य में स्थानीयता की नीति ही परिभाषित नहीं हुई है, तो आवास प्रमाण पत्र कैसे प्रमाणित […]
इन दिनों झारखंड में तृतीय व चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है. इन दोनों वर्गों में नियुक्ति उसी की हो सकती है, जिसके पास आवास प्रमाण पत्र हो.
विडंबना यह है कि अभी तक इस राज्य में स्थानीयता की नीति ही परिभाषित नहीं हुई है, तो आवास प्रमाण पत्र कैसे प्रमाणित हो सकता है. ज्यादातर जिलों में आवास प्रमाण पत्र बनवाने के दौरान 1964 के खतियान की मांग की जाती है. मगर धनबाद और कुछ अन्य जिलों में 1932 के खतियान की मांग की जा रही है. क्योंकि इन जिलों में अंतिम सर्वे 1932 में हुआ था.
राज्य के विभिन्न जिलों में वहां हुए सर्वे के आधार पर खतियान की मांग की जा रही है. ऐसे में राज्य के अभ्यर्थियों के लिए विकट स्थिति यह पैदा हो गयी है कि आखिर वे किस साल के खतियान के आधार पर प्रमाण पत्र बनवायें? सरकार कृपया इस पर ध्यान दे.
– रश्मि, जमशेदपुर
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