अशांत वातावरण में शांति की खोज

शांति हर किसी को प्यारी लगती है. कोई भी व्यक्ति अशांत वातावरण में प्रगति की कल्पना ही नहीं कर सकता. जीवन में शांति की तलाश में आदमी पूरा जीवन नष्ट कर देता है, फिर भी उसे वह चीज नहीं मिलती. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि आज आदमी खुद-ब-खुद शांति से दूर होता चला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 23, 2015 5:51 AM

शांति हर किसी को प्यारी लगती है. कोई भी व्यक्ति अशांत वातावरण में प्रगति की कल्पना ही नहीं कर सकता. जीवन में शांति की तलाश में आदमी पूरा जीवन नष्ट कर देता है, फिर भी उसे वह चीज नहीं मिलती.

इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि आज आदमी खुद-ब-खुद शांति से दूर होता चला जा रहा है. चारों तरफ फैले बाजारवाद और आधुनिकीकरण ने शांति को हमसे और भी दूर कर दिया है. स्वार्थ और घृणा ने मानव समाज को विखंडित कर दिया है.

यूं तो विश्व शांति का संदेश हर युग और हर दौर में दिया जाता है, लेकिन इसको अमल में लानेवालों की संख्या बेहद कम है. आज कई लोगों का मानना है कि विश्व शांति को साम्राज्यवादी आर्थिक और राजनीतिक चाल से सबसे अधिक खतरा है. सभी मानते हैं कि शांति जरूरी है, पर कोई ठोस पहल नहीं करता. आतंकवाद ऐसी ही एक समस्या है.

– मनीष सिंह, जमशेदपुर

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