तोल मोल कर बोलें राजनेता

आम जनता की आस तब और टूट जाती है, जब सरकार चलानेवालों द्वारा जनविरोधी बयान दिये जाते हैं.अकेले लोकसभा चुनाव ही नहीं, बल्कि देश के राज्यों में हुए कई चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों के नेताओं ने विकास करने का वादा किया. बेरोजगारों को रोजगार के समुचित अवसर उपलब्ध कराने की बात कही गयी. विदेशों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 23, 2015 5:51 AM
आम जनता की आस तब और टूट जाती है, जब सरकार चलानेवालों द्वारा जनविरोधी बयान दिये जाते हैं.अकेले लोकसभा चुनाव ही नहीं, बल्कि देश के राज्यों में हुए कई चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों के नेताओं ने विकास करने का वादा किया.
बेरोजगारों को रोजगार के समुचित अवसर उपलब्ध कराने की बात कही गयी. विदेशों से काला धन वापस लाकर विकास कार्य में लगाने की बात कही गयी. लेकिन ये सारे वादे फेल होते नजर आ रहे हैं. यहां के बेरोजगार युवक और जनता सरकार और सरकारी बाबुओं की घृणित करतूतों से तंग आ चुकी है.
अभी तक तो देश की जनता यह सोच कर चुप थी कि चलो गलती में सुधार होगा, लेकिन राजनीतिक नेताओं का यह कहना है कि सरकार के पास जादू की कोई छड़ी नहीं है कि लोगों का विकास हो जायेगा. ऐसे बयानों से जनता को निराशा होती है, नेतागण इससे बचें.
– बलराम कुमार, ई-मेल से

Next Article

Exit mobile version