उम्मीदों भरा दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को दो देशों की सात दिनी यात्रा के पहले दिन आयरलैंड पहुंचे, जहां भारतीय मूल के 25 से 30 हजार लोगों में इसे लेकर खासा उत्साह था. 60 वर्षों के बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री वहां पहुंचा है. पंडित नेहरू 1949 और 1956 में आयरलैंड गये थे. मोदी ने उम्मीद जतायी है […]
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को दो देशों की सात दिनी यात्रा के पहले दिन आयरलैंड पहुंचे, जहां भारतीय मूल के 25 से 30 हजार लोगों में इसे लेकर खासा उत्साह था. 60 वर्षों के बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री वहां पहुंचा है. पंडित नेहरू 1949 और 1956 में आयरलैंड गये थे.
मोदी ने उम्मीद जतायी है कि उनकी यात्रा से आयरलैंड के साथ आर्थिक रिश्ते और जनता-से-जनता के संबंध प्रगाढ़ होंगे. उनका अगला पड़ाव अमेरिका है, जहां वे राष्ट्रपति ओबामा सहित विश्व के कई नेताओं के अलावा गूगल एवं फेसबुक सहित कई बड़ी कंपनियों के प्रमुखों से मिलेंगे. मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा के 70वें अधिवेशन और सतत विकास शिखर सम्मेलन में भी शिरकत करेंगे. वे वहां भारतीय समुदाय को भी संबोधित करेंगे, जिसे लेकर उत्साह की खबरें पहले से चर्चा में हैं.
नवोन्मेष और तकनीकी प्रगति की प्रतीक अमेरिका की सिलिकन वैली में पहुंच कर मोदी भारतीय मूल की प्रतिभाओं से मातृभूमि की सेवा का आह्वान करेंगे. इस तरह उनकी इस बहुआयामी यात्रा से उम्मीदें इतनी भर नहीं हैं कि इससे विश्व के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच रिश्ते गहरे होंगे, बल्कि नजरें इस पर भी रहेंगी कि भारत सुरक्षा परिषद् में अपनी दावेदारी मजबूत करने तथा आतंकवाद के मामले में पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव बनाने की दिशा में कितना बढ़ेगा.
यात्रा से पहले भारत व अमेरिका के बीच रणनीतिक एवं वाणिज्य साझेदारी को गति देने के उद्देश्य से दोनों देशों में गंभीर कोशिशें हुई हैं. इधर, मोदी मंत्रिमंडल ने अमेरिकी कंपनी बोइंग से 22 अपाचे और 15 चिनूक हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए 2.5 अरब डॉलर के रक्षा सौदे को मंजूरी दी. यह सौदा 2013 से लंबित था.
उधर, वाशिंगटन में दो दिनी बैठक हुई, जिसमें विदेश मंत्री सुषमा स्वराज व वाणिज्य राज्यमंत्री निर्मला सीतारमण के अलावा कई उद्योगपतियों ने हिस्सा लिया. इस दौरान अमेरिकी वाणिज्य मंत्री पेनी प्रिजकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कई अच्छे कदम उठाये हैं, पर भारत अब भी अमेरिका का 11वां ट्रेड पार्टनर है.
दोनों देश व्यापारिक साझेदारी की असीमित क्षमता के आसपास भी नहीं पहुंच पाये हैं. पिछले साल मोदी ने कहा था कि वह आसानी से बिजनेस करनेवाले देशों की सूची में भारत को शीर्ष 50 में पहुंचाएंगे, पर विश्व बैंक की रिपोर्ट में 189 देशों की सूची में भारत को 142वें नंबर पर रखा गया है.
बैठक में जोर देकर कहा गया कि भारत में व्यापार की राह में नौकरशाही बाधक है. उम्मीद है कि संबंधों को नये मुकाम पर पहुंचाने की दोनों देशों की कोशिशें रंग लायेंगी और यात्रा शुभ समाचारों के साथ संपन्न होगी.