प्रतिभाओं का देश
प्रतिभा पलायन दशकों से हमारे देश के लिए गहन चिंता का विषय है. भारत से बाहर गयी प्रतिभाओं ने ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर विशिष्ट स्थान प्राप्त किया है. लेकिन, अब इस स्थिति में सकारात्मक बदलाव के संकेत हैं. तकनीक के क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी गूगल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी […]
प्रतिभा पलायन दशकों से हमारे देश के लिए गहन चिंता का विषय है. भारत से बाहर गयी प्रतिभाओं ने ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर विशिष्ट स्थान प्राप्त किया है. लेकिन, अब इस स्थिति में सकारात्मक बदलाव के संकेत हैं. तकनीक के क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी गूगल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुंदर पिचाई ने कहा है कि विश्व को प्रतिभाओं की आपूर्ति करनेवाला भारत आज तकनीक के क्षेत्र में ऊंची छलांग लगाने के लिए तैयार है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका पहुंचने पर पिचाई ने एक वीडियो बयान जारी कर कहा है कि उनकी यात्रा से सिलिकन वैली में ऊर्जा का संचार होगा तथा वहां कार्यरत भारतीयों का उत्साहवर्द्धन होगा. सिलिकन वैली वैश्विक सूचना क्रांति और डिजिटल तकनीक का केंद्र है और उसके विकास में भारतीय मेधा और मेहनत का अमूल्य योगदान रहा है.
पिचाई ने कहा है कि डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया आदि कार्यक्रमों के जरिये भारत विकास और समृद्धि की राह पर अग्रसर है. ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट का प्रसार, महिलाओं में डिजिटल तकनीक की बढ़ती पैठ, कंप्यूटर पर विभिन्न भारतीय भाषाओं का सुलभ होना, इ-कॉमर्स का विस्तार जैसे कारक भारतीय प्रतिभाओं के लिए नया अवसर लेकर आये हैं.
सामाजिक और आर्थिक बदलाव की यह आहट भारत के लिए चुनौती भी है. महत्वाकांक्षी योजनाओं के साथ-साथ छात्र-युवाओं की प्रतिभा को निखारने और उन्हें आवश्यक संसाधन तथा अवसर प्रदान करने की महती जिम्मेवारी सरकार के सामने है. इस प्रक्रिया में समाज और व्यवसाय जगत की भूमिका भी बहुत महत्वपूर्ण है.
कौशल विकास के साथ-साथ अत्याधुनिक तकनीकी शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए व्यापक स्तर पर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने की जरूरत है. प्रधानमंत्री ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्टार्ट अप इंडिया’ के लिए निवेशकों को भारत आने का आमंत्रण दे रहे हैं, जिसके सकारात्मक परिणाम आने शुरू हो गये हैं.
इस संदर्भ में यदि स्थानीय निवेश की प्रक्रिया को भी गति दी जाये, तो विदेशी निवेशकों को आकर्षित करना काफी सुगम हो सकता है. आधुनिक तकनीक विकास की आधारभूत आवश्यकता है. सिलिकन वैली के दौरे में प्रधानमंत्री के अनुभव भी इस प्रक्रिया में विशिष्ट योगदान करेंगे. वह समय दूर नहीं, जब कोई सुंदर पिचाई सिलिकन वैली में नहीं, सीवान या साहेबगंज में अमेरिकी राष्ट्रपति का स्वागत करेगा. आमीन.