पर्यटन स्थलों पर ध्यान दे सरकार

वर्तमान समय में भारत पर्यटन उद्योग की दृष्टि से एक बड़ा हब बन कर उभरा है. देश के सकल घरेलू उत्पाद में 6.23 और कुल रोजगार के मामले में 8.78 फीसदी योगदान के साथ पर्यटन उद्योग, सेवा क्षेत्रक में अग्रणी भूमिका निभा रहा है. देश के विभिन्न भागों में स्थित पर्यटन केंद्र लंबे समय से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 26, 2015 2:23 AM
वर्तमान समय में भारत पर्यटन उद्योग की दृष्टि से एक बड़ा हब बन कर उभरा है. देश के सकल घरेलू उत्पाद में 6.23 और कुल रोजगार के मामले में 8.78 फीसदी योगदान के साथ पर्यटन उद्योग, सेवा क्षेत्रक में अग्रणी भूमिका निभा रहा है.
देश के विभिन्न भागों में स्थित पर्यटन केंद्र लंबे समय से स्वदेशियों एवं विदेशियों के आकर्षण के केंद्र रहे हैं. बड़ी संख्या में विदेशी सैलानी प्रतिवर्ष गौरवशाली भारत की अनुपम सभ्यता-संस्कृति के अनूठे प्रतीकों का दीदार करने आते हैं. धीरे-धीरे यह उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ मजबूत कर रहा है.
पर्यटन केंद्रों के विकास से ना सिर्फ उस क्षेत्र की प्रसिद्धि चारों ओर फैलती है, बल्कि इससे संबद्ध दर्जनों उद्योगों तथा तत्संबंधित हजारों लोगों की रोजी-रोटी भी चलती है. पर्यटन क्षेत्रों की खूबसूरती को लंबे समय तक बनाये रखना किसी चुनौती से कम नहीं है.
इसलिए प्राप्त आय को सौंदर्यीकरण पर इस प्रकार खर्च किया जाये कि पर्यटन स्थलों की मौलिकता व शुद्धता बनी रहे. जैव विविधता व सांस्कृतिक धरोहरों की धनी झारखंड में पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं. राज्य के सभी जिलों में कुछ न कुछ ऐसा है, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने को सक्षम है. चाहे वह ऐतिहासिक, धार्मिक या प्राकृतिक सौंदर्य ही क्यों न हो.
दुख इस बात का है कि सरकारी उदासीनता व अनदेखी के कारण राज्य की कई प्रसिद्ध जगहें आज महत्वहीन सी हो गयी हैं. अगर छोटे पैकेजों के साथ ही इनका विकास पर्यटन केंद्र के रूप में होता, तो राज्य की खुबसूरती बढ़ने के साथ ही सरकार को अच्छी-खासी आमदनी भी प्राप्त होगी. इस कारण पर्यटन स्थल उसकी इस मांग को पूरा करने में मदद कर सकते हैं.
– सुधीर कुमार, गोड्डा

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