सिलिकॉन वैली में मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सिलिकॉन वैली की बहुप्रतीक्षित यात्रा दो कारणों से बहुत महत्वपूर्ण हैं. एक यह कि सूचना क्रांति की प्रक्रिया को विस्तार देने के लिए भारत और उच्च तकनीक की बड़ी कंपनियों की परस्पर सहभागिता आवश्यक है, और दूसरा कारण यह है कि इस दौरे से भारत की डिजिटल महत्वकांक्षाओं तथा सिलिकॉन वैली […]
लेकिन यह भी एक तथ्य है कि भारत समेत अन्य विकासशील और अविकसित देशों में इसका प्रसार और प्रभाव सीमित है. इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि जब तक तकनीक आम नागरिक और शासन-तंत्र के बीच की कड़ी नहीं बनेगी, तब तक सूचना क्रांति का लक्ष्य अपूर्ण रहेगा. प्रधानमंत्री ने सिलिकॉन वैली में तकनीकी कंपनियों के उच्चाधिकारियों की बैठक में अपनी सरकार के इस संकल्प को फिर से रेखांकित किया कि डिजिटल इंडिया के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम का उद्देश्य इंटरनेट को देश के दूर-दराज गांवों तक पहुंचाकर शासन में नागरिकों की भागीदारी को सुनिश्चित करना है. इस भागीदारी से न सिर्फ नागरिक अपने अधिकारों और आवश्यकताओं के प्रति अधिक सचेत होता है, बल्कि इससे प्रशासनिक पारदर्शिता का भी आधार तैयार होता है. इसी आधार पर भ्रष्टाचार से मुक्त सक्षम शासन-व्यवस्था का संचालन संभव है. सहयोग, साझेदारी और सहभागिता का जो नया वातावरण देश-दुनिया में तैयार हुआ है, उसमें डिजिटल तकनीक की अहम भूमिका है. इस तकनीक को नयी ऊंचाइयां देने में सिलिकॉन वैली की निर्णायक भूमिका है.
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात का उल्लेख भी किया. सिलिकॉन वैली और उसकी उपलब्धियों में भारतीयों का भी साझा योगदान है. डिजिटल इंडिया के लक्ष्यों के लिए प्रयासरत भारत के लिए यह गर्व का विषय भी है तथा भविष्य के लिए भरोसे का कारक भी. आशा है कि भारत और सिलिकॉन वैली के परस्पर सहयोग से सूचना तकनीक के विकास का मार्ग उत्तरोत्तर प्रशस्त होगा.