पर्यटन से हो सकता है रोजगार-सृजन
बेशक, झारखंड एक बेहतर पर्यटन स्थल बन सकता है. इसमें कोई दो राय नहीं कि झारखंड प्राकृतिक एवं खनिज संपदा से समृद्ध है. सरकार भी कहती है कि राज्य में पर्यटन के विकास से गरीबों को काफी लाभ मिलेगा. लोगों को रोजगार मिलेंगे और राज्य में खुशहाली आयेगी, लेकिन समझ में यह नहीं आता कि […]
बेशक, झारखंड एक बेहतर पर्यटन स्थल बन सकता है. इसमें कोई दो राय नहीं कि झारखंड प्राकृतिक एवं खनिज संपदा से समृद्ध है. सरकार भी कहती है कि राज्य में पर्यटन के विकास से गरीबों को काफी लाभ मिलेगा. लोगों को रोजगार मिलेंगे और राज्य में खुशहाली आयेगी, लेकिन समझ में यह नहीं आता कि आखिर राज्य के लोगों को इसका लाभ कैसे मिलेगा?
सही मायने में देखा जाये, पर्यटन में एक बहुत बड़ा कैरियर छुपा है. इसे बेहतर बनाने के लिए सरकारी स्तर पर प्रयास होने के साथ ही नागरिकों की ओर से भी प्रयास करने होंगे. सबसे बड़ी बात यह है कि राज्य में छुपे पर्यटन स्थलों का विकास सरकार को नागरिकों के सहयोग से कराना होगा. राज्य में कई ऐसे प्राकृतिक और धार्मिक स्थल हैं, जिनका सही ढंग से विकास कराया जाये, तो इसमें कोई दो राय नहीं कि दुनिया भर के पर्यटकों की आवाजाही यहां बढ़ जायेगी. सबसे पहले सरकार की ओर से पर्यटकों को ठहरने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की व्यवस्था करनी होगी. इसके साथ ही, परिवहन और यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने के साथ बुनियादी सुविधाओं का भी विकास करना होगा. सरकार को पानी, बिजली, स्वास्थ्य व चिकित्सा के पुख्ता इंतजामात करने होंगे. सभी पर्यटन स्थलों को डिजिटलाइज्ड करना होगा और ऑनलाइन बुकिंग की व्यवस्था करनी होगी.
प्राकृतिक व धार्मिक स्थलों पर गाइड, सुरक्षा गार्ड, बागवानी व सौंदर्यता का विकास करना होगा. झारखंड के पर्यटन विभाग को सजग व सचेत करना होगा. आज भी अगर सरकार चाहे, तो पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार सृजन कर हजारों नियुक्तियां कर सकती हैं. राज्य में आज नौकरियों की काफी कमी है और रोजगार की तलाश में लोगों का पलायन भी रुकेगा.
पालूराम हेंब्रम, सालगाझारी