बेटियों को भी खड़ा होने का दें मौका
आज हमारे समाज में बहुत से ऐसे अभिभावक हैं, जो अपनी बेटियों को उच्च शिक्षा दिलाने में यकीन रखते हैं. फिर भी 20-22 की उम्र से ही वे उनकी शादी करने के पीछे लग जाते हैं.अभिभावक क्या पड़ोसी भी पीछे पड़ जाते हैं कि बेटी की शादी कब करेंगे बड़ी हो गयी है? जल्दी कर […]
आज हमारे समाज में बहुत से ऐसे अभिभावक हैं, जो अपनी बेटियों को उच्च शिक्षा दिलाने में यकीन रखते हैं. फिर भी 20-22 की उम्र से ही वे उनकी शादी करने के पीछे लग जाते हैं.अभिभावक क्या पड़ोसी भी पीछे पड़ जाते हैं कि बेटी की शादी कब करेंगे बड़ी हो गयी है?
जल्दी कर दें नहीं, तो देर हो जायेगी. ऐसा क्यों है, जब आपने उन्हें उच्च शिक्षा दी है, तो उसे अपने पांव पर खड़े होने का समय भी तो दें? बिना उनकी अनुमति के आप उनकी शादी ना करें. उन्हें भी अपने जीवन में कुछ करने का मौका दें. जब आप बेटों को मौका दे सकते हैं, तो बेटियों को क्यों नहीं?
अगर वो काबिल होंगी, तो उन्हें जीवन साथी भी अच्छा मिल जायेगा और उनका जीवन भी सुखी होगा. आम तौर पर हमारे भारतीय समाज में बेटियों की उम्र बढ़ने के साथ ही माता-िपता से अिधक पड़ोसियों की चिंताएं बढ़ जाती हैं और वे उसके अभिभावकों की नाक में दम कर देते हैं. यह परिपाटी गलत है.
– अनुषा सिंह, ई-मेल से