एक छोटे शब्द ‘मां’ में है बहुत ताकत

संपादक महोदय, मैंने गुरुवार एक अक्तूबर, 2015 के अखबार के पाठक मत में गीता दुबे जी का मत पढ़ा. ‘संघर्ष का दूसरा नाम ही मां है’ पढ़ कर काफी अच्छा लगा. दुनिया का शायद सबसे छोटा शब्द मां है और इस शब्द में सबसे अधिक ताकत है. यही वजह है कि जब हमें कोई तकलीफ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 3, 2015 12:35 AM
संपादक महोदय, मैंने गुरुवार एक अक्तूबर, 2015 के अखबार के पाठक मत में गीता दुबे जी का मत पढ़ा. ‘संघर्ष का दूसरा नाम ही मां है’ पढ़ कर काफी अच्छा लगा. दुनिया का शायद सबसे छोटा शब्द मां है और इस शब्द में सबसे अधिक ताकत है. यही वजह है कि जब हमें कोई तकलीफ होती है, तो सबसे पहले हम अपनी मां को याद करते हैं.
हर किसी के जिंदगी में मां का विशेष महत्व होता है. यह बात भी सच है कि पुरुष विजय का भूखा होता है और नारी समर्पण की प्रतिमूर्ति होती है. नारियों में त्याग और समर्पण के साथ ही प्यार का अथाह सागर भी भरा होता है.
ईश्वर ने इसीलिए इन्हें एक नयी जिंदगी देने का वरदान भी दिया है. ये कभी मां तो कभी बहन, तो कभी पत्नी के रूप में हमारी जिंदगी के हर मोड़ पर हमारा साथ देती हैं. हमें चाहिए कि हम उनका ख्याल रखें और उनका सम्मान करें. वैसे भी हमारे देश में नारियों का सम्मान करने की परंपरा बरकरार रखने की जरूरत है.
– कन्हाई, रांची

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