जीवन में संकल्प-शक्ति की जरूरत
जीवन के किसी भी क्षेत्र और अवस्था में यदि असफलता हाथ लगती है, तो उसका कारण केवल मेहनत की कमी नहीं होती. मेहनत को प्रेरित करनेवाला तत्व संकल्प शक्ति है. इतिहास साक्षी है कि कठिनाइयों का सामना अपने अदम्य साहस और अटूट विश्वास के बल पर किया जा सकता है. मन के हारे हार है, […]
जीवन के किसी भी क्षेत्र और अवस्था में यदि असफलता हाथ लगती है, तो उसका कारण केवल मेहनत की कमी नहीं होती. मेहनत को प्रेरित करनेवाला तत्व संकल्प शक्ति है. इतिहास साक्षी है कि कठिनाइयों का सामना अपने अदम्य साहस और अटूट विश्वास के बल पर किया जा सकता है. मन के हारे हार है, मन के जीते जीत. मन में ठान लिया कि हमें जीतना है, तो जीत के लिए जी-जान से तैयारी शुरू हो जाती है.
यूं तो जीवन को महान बनाने के लिए मनुष्य निरंतर प्रयत्नशील रहता है, परंतु वे लोग सफल हो जाते हैं, जिनके पास श्रम को पूर्ण व्यवस्थित व संचालित करने की संकल्पशक्ति होती है. संकल्प जीवन की सजीवता का बोध कराता है. यह वह शक्ति है, जो मनुष्य की जीवनशैली को तय करती है. कर्म क्षेत्र पर मनुष्य अपने बुद्धि विवेक से कर्तव्यनिष्ठ होकर कार्य व्यवहार करता है, लेकिन सफलता या असफलता का पहलू उसके द्वारा किये गये कर्म के प्रति संकल्प पर निर्भर करता है.
आज के भौतिक युग में ऐसी घटनाएं देखने को मिलती हैं, जिनसे उत्तरोत्तर हो रहे अमानवीय मूल्यों के ह्रास का पता चलता है, लेकिन वह भी मनुष्यों द्वारा किये गये संकल्पों का प्रतिफल है. बात चाहे किसी की सफलता की हो, किसी आंदोलन की या कहीं के भ्रष्टाचार की, हर जगह संकल्प की शक्ति की महत्ता है. संकल्प शक्ति की गति बहुत तीव्र होती है.
विज्ञान में इसके समतुल्य गति का कोई अन्य साधन नहीं है. यह शक्ति अति प्रबल है. अगर मन में संकल्प कर लिया जाये तो बड़े से बड़ा लक्ष्य हासिल किया जा सकता है. इसलिए हमें अपना लक्ष्य तय कर पूरे मन के साथ उसे हासिल करने का संकल्प लेना चाहिए.
-चिंटू कुमार तिवारी, झरिया